Wednesday 31 July 2019

" मन कि आवाज "

- सताने से ही दिल बहलता है तो जी भर के सता लिया करो,
  पर सपने मे भी हमसे दुर जाने की खता ना किया करो ।।।

- तुं हर पल मे शामिल है बता कैसे दुर जाऊ तुजसे,
  रूह से परे जिस्मों को कभी जिंदा देखा है तुने ।।।

- युं चेहरे पे मुखोटा लगाने कि आदत नहीं है हमें,
  जैसे हे वैसे ही दिखते है,
  जमाने कि तरह रंग बदलने की आदत नहीं है हमें ।।।

- कुछ युं रहेती है मोहब्बत रुह कि चादर मे,
  पाके-इबादत छलकती है हमारी हर चाहत मे ।।।

- या खुदा इतना भी खुश ना किया कर हमें,
  कहीं दिल ने घडकना बंद कर दिया तो तकलीफ होगी उन्हें ।।।

                 - " फुल "
           

Tuesday 30 July 2019

" मेरी बात "

- तुजसे जब जब नजर मिलाते है तो एक कशीश सी जगती है मेरे अंदर,
  एक नशा सा छाया रहता है खुमार बनकर मेरे अंदर,
  तुं कभी कभी थोड़ी देर केलिए मेरी नजरों से ओजल भी हो जाया कर,
  अब तो पागलपन कि निशानीया भी दिखने लगी है मेरे अंदर ।।।

- लब्जो मे बयां करने कि आदत नही है,
  पर हमतो तेरे चहरे से ही तेरा हाल बता सकते है,
  जिंदगी बन गये है हम तुम्हारी और क्या बताउ तुजे,
  तेरी आँखों से बोलने कि आदत गई जो नही है ।।।

- जब भी हाथ कि लकीरों को देखते है,
  तो तेरा ही चेहरा नजर आता है,
  भुल बैठे है हमतो खुदके वजूद को,
  अपने जिस्म मे तेरी रुह को मेहसूस जो करते है ।।।

- जिंदगी तेरे साथ कुछ यु बित जाये,
  जब भी दुवा करें मिलने कि,
  सारी कायनात हमारे साथ हो जाये ।।।

         -    " फुल "
       

Monday 29 July 2019

" चुने हुवे मोती "

- कभी बेइंतहा इश्क तो,कभी तेरी बेरूखी है जिंदगी,
  कभी तेरे साथ हसना तो,कभी अकेले चलना है जिंदगी,
  कुछ मुकम्मल ख्वाब है और कुछ अधुरी ख्वाहिशें है जिंदगी,
  कुछ उलजे हुवे सवाल तो,कुछ सवालों का जवाब है जिंदगी ।।।

- चल आज जिंदगी का हिसाब कुछ इसकदर करलुं,
  तुं करले मुजसे बेपनाह इश्क और,
  मे तुजपे अपने हजारों अल्फाज खर्च करलुं,
  तुं हररोज दिल से मुस्कुरालेना,
  तेरी एक मुस्कान पे मे अपनी सारी कविताएं कुरबान करलुं ।।।

- तुं मेरा हबीब बन जाये तो तकदीर खुद ही सवर जाये,
  दुवाए दु अपने रकिब को भी अगर तुं मेरा मुकद्दर बन जाये ।।।

- हमे पागल केहते हो जरा खुदकी दिवानगी का आलम देखो,
  जरा सा तुमसे रुठते क्या है, बहरहाल बिखर जाते हो ।।।

              - " फुल "
     

" मेरा जीवन साथी "

न जाने कौन सा हक है तुजपे,
जो तुजसे इस कदर लडते भी है और,
खुद ही छुपछुपके रोते भी है,
मोड के मुजसे अपना मुह जब तु जाता है,
थोड़ी देर केलिए ही सही,
ये दिल जैसे जिंदा लाश बन जाता है,
जानते हैं की सारा कसुर हमारा ही है,
फिर भी बज तुं हमें मनाता है,
ये सर तेरे सजदे मे जुक जाता है,
और क्या लिखु तेरे बारे मे,
जितना भी लिखु कम ही है तेरे बारे मे,
अब तो उस रबसे भी कोई शिकायत नहीं है,
क्योंकि तुजे मेरा जिवन साथी जो बनाया है,
कभी दुर मत जाना अपने इस ' पागल ' से,
गिला-शीकवा होतो झगड़ा कर लेना,
पर कभी बोलना बंद मत करना,
मे तेरी दुनिया हुं तो तुं भी मेरा पुरा जहाँन है,
चल जिले ये जिंदगी एकदूसरे के साथ हसके,
अब जो भी हो जीना-मरना तेरे ही साथ है ।।।

             - " फुल "
       

Sunday 28 July 2019

" मनमित "

- चल आज कुछ एसा करते है,
  जिंदगी से पहले जिंदगी को समजते है,
  बारबार खुशियों कि वजह क्या ढुंढना,
  राह मे जोभी मीला उसे ही मुकद्दर समजते है ।।।

- चार दिन कि जिंदगी है इसे खूलके जिले,
  हाल जैसा भी हो हर पल मे खुशी ढुंढले,
  कल कि फिक्र मे तुं अपना आज क्यूँ गवा रहा है,
  जिंदगी के हर पल को अपने दिल मे समेटना सीख ले ।।।

- चल आज कुछ नया करते है,
  एकदूसरे कि नजर से खुदको देखते है,
  पता तो चले दोनों को कि वो कोनसी कशीश है,
  एकदूसरे मे जो एकदुजे को इतना पसंद करते हैं ।।।

-  जाने क्यूँ जिंदा है अबतक क्या बताये किसीको,
   लगता है अभी भी कोई इम्तिहान देना बाकी रह गया है ।।।


                       - " फुल "
         
         

Friday 26 July 2019

" मन कि बातें "

- तुं दिया मेरे नाम का मे बाती तेरे नाम कि,
  फिर भी जले तो जमाने को रोशन करने केलिए,
  मिटाकर खुदका वजूद भलेहिं जहाँ मे खो जाये,
  जिंदगी कर दी हे एकदूसरे के नाम अब कोई गम नहीं,
  अब तो कयामत आऐ या जान एसे ही निकल जाये ।।।

- पता नहीं कब आयेगी जिंदगी कि वो शाम,
  जब हम मुस्कुराते हुए जायेंगे और,
  ये दुनिया जो आज हमारे हाल पर हंस रही है,
  वो कल बिछडकर हमसे रोयेगी खुद ही अपने हाल पर ।।।

- कुछ तो वजह है जो उसने भेजा हमे यहाँ,
  बेवजह ही नही युं मिलना हमारा,
  बढ जाये अगर दुरीया तो कभी ग़म मत करना,
  दिलो का मिलना भी उसीका है इशारा ।।।

- जिंदगी तेरी सरगोशियां हमे आज समज मे आई है,
  तुं एसे ही खूलके मिलाकर हमसे रोजाना,
  तेरे हसने से लगता है मुजमे भी बहार आई है ।।।


                              - " फुल "

                 

' મારૂ હ્રદય '

હું તને શું સમજાવું તું બધું જ સમજે છે , ઈશ્વરની મરજી સામે આપણું ક્યાં કંઈ ઊપજે છે , અકળ આ હ્રદયના દ્વાર ક્યાં બધા માટે ખુલે છે , એક તાર...