Sunday 22 September 2019

" मेरे अल्फाज "

" मेरे पास यादों का पिटारा है ,
जिसमें कुछ अपनों का ,
तो कुछ सपनों का बसेरा है "

" गुजर चली है यह जिंदगी जैसे बहता पानी ,
सोचा था बहुत कुछ ,
पर न कर सके थोड़ी सी भी मनमानी ,
न करना अफसोस के ,
वक्त यूं ही बह रहा है ,
मौके और भी मिलेंगे ,
फिर काहे की आनाकानी "

" मिल जाते हैं कुछ अनजान लोग यूं ही ,
मानो जैसे बरसों से जानते हो ,
ना कोई उम्मीद ना कोई ख्वाहिश ,
बस चंद लम्हों में ही सिमट जाते  हो "

" यह अल्फाज मेरी भी कहां सुनते हैं ,
जब भी तेरे बारे में लिखने की कोशिश करती हूं ,
खुद-ब-खुद उभर आते हैं "

         - " फुल "
 

Sunday 15 September 2019

मेरी दुआ

रहमते करम हम पर यूं ही बनाए रखना ,
कुर्बत तक साथ ऐसे ही निभाए रखना ,
भूल भी हो जाए अगर हमसे कोई तो ,
नादानी समझकर हमारी भुला दिया करना ,
हम भी रखेंगे  हमेशा अपने हिस्से की इमानदारी ,
पर तू भी अपनी रिवायत ऐसे ही याद रखना ,
एक तेरे भरोसे ही चल रहे हैं हम खुदा ,
तेरी जन्नत में हमारी भी थोड़ी सी जगह बनाए रखना ,
जमाने के उसूलों को साथ लेकर चलेंगे हम भी ,
पर थोड़ी सी रजा का मन तो तू भी बनाए रखना ,
हमारी खुशियां हि जिनके जीने का मकसद बन गई ,
उनके होठों पर हंसी की बहार बनकर उभरना ,
मत होने देना उदास उन्हें कभी भी मेरे मौला ,
उनकी एक हंसी के लिए हमारी दुआएं ऐसे ही कुबूल करना ,
दीदार की हसरत तो हमारी आखिरी सांस तक रहेगी ,
इल्तजा इतनी ही है कि यह हक हमारा ऐसे ही बनाए रखना ।।।

             - " फुल "
 

अपनी अपनी खुशी

यह समाज की रिवायते तो मेरी समझ से बाहर है ,
कोई दर्द देखकर खुश होता है तो कोई दर्द खरीद कर ,
क्यों आए हैं इस दुनिया में हम यह भी कहा जानते हैं ,
फिर भी कोई साथ निभाता है अपनी खुशियां बेचकर ,
दिल की दुनिया भी बड़ी अजीब होती है यारों ,
पल भर को सोती भी है तो यारों की खुशियां खरीद कर,
 मत करना किसी को भी कभी भी रुसवा जमाने,
 तू तो जालिम है ही पर वह मर जाएंगे दर्द में सिमटकर ,
परिस्थिति चाहे कैसी भी हो खुश रहना सीख ले ,
वरना हम तुझे वजह देंगे खुश होने की तेरे आंसू खरीद कर ,
तू खुश रहना हमेशा तेरी दुनिया में हमारा क्या है ,
हम तो जी लेंगे तेरे बिना तेरी यादों में हंसकर ।।।

           - " फुल "


Tuesday 10 September 2019

" અરજ "

આજ આ કેવી ઈચ્છાની પૂર્તિ માટે નીકળી હતી ,
બતાવવા પોતાની જાતને અરીસો ,
દુનિયામાં હું મારા દુશ્મન ગોતવા નીકળી હતી ,
મારી અંદર જ એક આખી ફોજ નીકળી ,
જે દુશ્મનોને હું બહાર ગોત્યા કરતી  હતી ,
 ઓગળી ગયું એ ગરદન નું પણ અભિમાન ,
જે કાયમ ગર્વ થી ટટ્ટાર જ રહેતી હતી ,
આજ એજ જાત શરમાઈ ગઈ ,
જે કાયમ પોતાને સારી જ સાબિત કરતી હતી ,
હે ઈશ્વર આજ તે એ પણ આપી દીધું ,
જે સંયમ અને શાંતિ હું કાયમ તારી પાસે માગ્યા કરતી હતી ,
બસ હવે એક અરજ મારી માની લે ,
દૂર કરી લોકોના મનમુટાવ ને મનના મેલ ને ,
સાંભળજે એ અરજ ને જે હું ક્યારની કર્યા કરતી હતી .....

            - " ફુલ "

Saturday 7 September 2019

" फूल की जिंदगी "

जरूरी नहीं यहां सब को मुकम्मल जहां मिले ,
पर थोड़ा ही सही मनचाहा आसमान मिले ,
रूह को रूह से जुड़ने के आसार मिले ,
बंधना है सभी को यहां किसी ना किसी बंधन में ,
पर फिर भी थोड़ी सी आजादी का भी ख्वाब मिले ,
भेजा है उसने सबको यहां किसी ना किसी मकसद से ,
बस वही पूरा हो जाए बाकी कुछ मिले ना मिले ,
यह जिंदगी है यहा खुशियों के साथ दर्द भी झेलना है ,
जी लो हर लम्हा शिद्दत से फिर यह जिंदगी मिले ना मिले ,
हर इंसान को पूरे दिल से अपना लो यारों ,
बिछड़ने के बाद मिलने के आसार भी कहां मिले ,
पछतावा करना पड़े ऐसा कोई भी काम मत करना ,
इंसान के चले जाने के बाद सिर्फ पांव के निशान ही मिले ,
जो कुछ भी मिला है नसीब से उसी में खुश रहना सीख ले ' फुल '
 क्या पता फिर यह भी दोबारा तेरे नसीब में मिले ना मिले ।।।

              - " फुल "
     

" तेरे नाम "

 तेरी यादों का समंदर अपने दिल में समेटे बैठे हैं ,
बंद पलकों में जाने कितने राज छुपाए बैठे हैं ,
नही कर सकेंगे खुद को तुझ से जुदा यह मजबूरी है हमारी ,
अपने आपको तुझसे कुछ इस कदर छोड़ बैठे हैं ,
लाख कोशिश कर ले यह दुनिया, रस्में और रिवाज ,
हम तो इसी जन्म से बस तेरे ही हो बैठे हैं ,
न करना हमको कभी भी अपने अक्ष से जुदा ,
हम तो अपनी हस्ती ही तेरे नाम कर बैठे हैं ,
तुं क्यों ऐसा सोचता है कि हम तुझसे अलग हो जाएंगे ,
हम तो अपना सारा जीवन ही तेरे नाम कर बैठे हैं ,
तुम मत होना कभी भी उदास ऐ मेरे दोस्त ,
हम तो अपनी सारी खुशियां हि तेरे नाम कर बैठे हैं ,
रात दिन बस तेरे लिए ही भगवान से मांगते हैं ,
दुआ में उठा हाथ भी अब तो तेरे नाम कर बैठे हैं ,
फुल सदियों से तेरा था और तेरा ही रहेगा ,
हर जन्म के लिए हम तो बस तुझे ही मांग बैठे हैं ।।।

               - " फुल "
         

Monday 2 September 2019

सुकून

मकसद तो दिल के सुकून का ही था ,
कोई मंदिर गया तो कोई मधुशाला ,
कोई बोलकर इजहारे इश्क कर गया ,
तो कोई चुप रहकर भी प्यार जता गया ,
किसी ने किया लफ्जों से बयां ,
और कोई आंखों से ही अपना बना गया ,
मिला किसी को अपना सबसे प्यारा दोस्त ,
तो कोई सब कुछ लुटा कर भी तनहा रह गया ,
क्या मिला किसी को यह मुकद्दर की बात है ,
सब कुछ पाकर भी कोई मायूस हो गया ,
और कोई थोड़ी सी खुशी में ही सारा जहां पा गया ,
मिलना बिछड़ना तो किस्मत की बात है ,
 ग़मे-जिंदगी में भी मुस्कुराना बहुत बड़ी बात है ,
हाथों की लकीरों में छुपा हुआ था वह चेहरा ,
आज सामने आया तो वक्त धोखा दे गया ,
फिर भी कोशिश हमारी हर बार होती है ,
उनकी यादों के लिए मिन्नते बार-बार होती है ,
यह तो अपने अपने सुकून की बात है दोस्तों ,
कोई नशे से प्यार करके गुजारा कर गया ,
तो कोई प्यार के नशे से ही दम भर जी गया ।।।

              - " फुल "
       

दिल का शोर

समंदर में उठा शोर सब ने देखा ,
पर दिल का सैलाब किसी ने महसूस नहीं किया ,
किनारे पर पड़े पत्थर को तो भगवान बना दिया ,
पर गहराई में पड़ा वह पत्थर बेवजह ही धुल गया ,
किसी का प्यार पाना बड़े ही मुकद्दर की बात है ,
पर किसी को मिटकर भी प्यार करना तकदीरो की बात है,
 कहां आती है ऐसी घड़ियां सब के नसीब में ,
मिले हैं आज बड़ी मिन्नत से हमें वह पल ए दोस्त ,
और रह जाए पीछे ऐसे भी खुदगर्ज हम नहीं ,
दिल तो बड़ी ही नाजुक सी चीज है इस जमाने ,
मत सता उसे ऐसे पलभर में मुरझा जाए ,
नहीं खिल सकेगा वह फिर से फूल बनकर ,
वह तो मासूम कली था उसे पत्थर क्यों बना दिया ।।।

               - " फुल "
   

' મારૂ હ્રદય '

હું તને શું સમજાવું તું બધું જ સમજે છે , ઈશ્વરની મરજી સામે આપણું ક્યાં કંઈ ઊપજે છે , અકળ આ હ્રદયના દ્વાર ક્યાં બધા માટે ખુલે છે , એક તાર...