- आज भी मेरे जेहन में बहुत कुछ है तुझे बताने के लिए ,
पर जमाने की बंदीसोने हमें मजबूर कर रखा है चुप रहने के लिए ।
- अगर बात सपनों की होती तो शायद छोड़ भी देते ,
पर बात मेरे अपनों की है बता कैसे छोड़े तुझे ।
- तेरे साथ जिंदगी को राहत मिलती है ,
तेरे करीब हर घड़ी सुकून से गुजरती है ,
घुल चुका है तू जिंदगी में इस तरह की ,
तुझ से एक पल की दूरी मैं भी जिंदगी दोजख सी लगती है ।
- तेरे हर अल्फाज पर एक ग़ज़ल लिख दूं ,
अगर वक्त मुझे इतनी इजाजत दे दे ,
बना के तुझे जिंदगी हर लम्हा जी लूं ,
अगर तकदीर मुझे इतनी मोहलत दे दे ।
- जिंदगी तेरे जख्मों को सी रही हूं ,
दिल की बातों को अल्फाज में पिरो रही हूं ,
कैसा मर्द ले लिया तूने ए नादान दिल ,
होठों पर हंसी सजाए बस जी रही हूं ।
- मेरी कलम से तुं अल्फाज बनकर ना बहा कर ,
कुछ और भी लिखने दे मुझे इश्क के सिवा ।
- कैसे समझाएं तुझे ए जमाने की ,
बिना दर्द के जिंदगी हसीन नहीं होती ,
लाखों फुल कुर्बान होते हैं तब जाकर ,
थोड़ी सी खुशबू बंद होती है इन इत्र की बोतलों में ।।।
- " फुल "
पर जमाने की बंदीसोने हमें मजबूर कर रखा है चुप रहने के लिए ।
- अगर बात सपनों की होती तो शायद छोड़ भी देते ,
पर बात मेरे अपनों की है बता कैसे छोड़े तुझे ।
- तेरे साथ जिंदगी को राहत मिलती है ,
तेरे करीब हर घड़ी सुकून से गुजरती है ,
घुल चुका है तू जिंदगी में इस तरह की ,
तुझ से एक पल की दूरी मैं भी जिंदगी दोजख सी लगती है ।
- तेरे हर अल्फाज पर एक ग़ज़ल लिख दूं ,
अगर वक्त मुझे इतनी इजाजत दे दे ,
बना के तुझे जिंदगी हर लम्हा जी लूं ,
अगर तकदीर मुझे इतनी मोहलत दे दे ।
- जिंदगी तेरे जख्मों को सी रही हूं ,
दिल की बातों को अल्फाज में पिरो रही हूं ,
कैसा मर्द ले लिया तूने ए नादान दिल ,
होठों पर हंसी सजाए बस जी रही हूं ।
- मेरी कलम से तुं अल्फाज बनकर ना बहा कर ,
कुछ और भी लिखने दे मुझे इश्क के सिवा ।
- कैसे समझाएं तुझे ए जमाने की ,
बिना दर्द के जिंदगी हसीन नहीं होती ,
लाखों फुल कुर्बान होते हैं तब जाकर ,
थोड़ी सी खुशबू बंद होती है इन इत्र की बोतलों में ।।।
- " फुल "