Friday 30 August 2019

" मेरे खयाल "

- आज भी मेरे जेहन में बहुत कुछ है तुझे बताने के लिए ,
  पर जमाने की बंदीसोने हमें मजबूर कर रखा है चुप रहने के लिए ।

- अगर बात सपनों की होती तो शायद छोड़ भी देते ,
  पर बात मेरे अपनों की है बता कैसे छोड़े तुझे ।

- तेरे साथ जिंदगी को राहत मिलती है ,
  तेरे करीब हर घड़ी सुकून से गुजरती है ,
  घुल चुका है तू जिंदगी में इस तरह की ,
  तुझ से एक पल की दूरी मैं भी जिंदगी  दोजख सी लगती है ।

- तेरे हर अल्फाज पर एक ग़ज़ल लिख दूं ,
  अगर वक्त मुझे इतनी इजाजत दे दे ,
  बना के तुझे जिंदगी हर लम्हा जी लूं ,
  अगर तकदीर मुझे इतनी मोहलत दे दे ।

- जिंदगी तेरे जख्मों को सी रही हूं ,
  दिल की बातों को अल्फाज में पिरो रही हूं ,
  कैसा मर्द ले लिया तूने ए नादान दिल ,
  होठों पर हंसी सजाए बस जी रही हूं ।

- मेरी कलम से तुं अल्फाज  बनकर ना बहा कर ,
  कुछ और भी लिखने दे मुझे इश्क के सिवा ।

- कैसे समझाएं तुझे ए जमाने की ,
  बिना दर्द के जिंदगी हसीन नहीं होती ,
  लाखों फुल कुर्बान होते हैं तब जाकर ,
  थोड़ी सी खुशबू बंद होती है इन इत्र की बोतलों में ।।।

             - " फुल "
   

No comments:

Post a Comment

' મારૂ હ્રદય '

હું તને શું સમજાવું તું બધું જ સમજે છે , ઈશ્વરની મરજી સામે આપણું ક્યાં કંઈ ઊપજે છે , અકળ આ હ્રદયના દ્વાર ક્યાં બધા માટે ખુલે છે , એક તાર...