Monday 2 September 2019

दिल का शोर

समंदर में उठा शोर सब ने देखा ,
पर दिल का सैलाब किसी ने महसूस नहीं किया ,
किनारे पर पड़े पत्थर को तो भगवान बना दिया ,
पर गहराई में पड़ा वह पत्थर बेवजह ही धुल गया ,
किसी का प्यार पाना बड़े ही मुकद्दर की बात है ,
पर किसी को मिटकर भी प्यार करना तकदीरो की बात है,
 कहां आती है ऐसी घड़ियां सब के नसीब में ,
मिले हैं आज बड़ी मिन्नत से हमें वह पल ए दोस्त ,
और रह जाए पीछे ऐसे भी खुदगर्ज हम नहीं ,
दिल तो बड़ी ही नाजुक सी चीज है इस जमाने ,
मत सता उसे ऐसे पलभर में मुरझा जाए ,
नहीं खिल सकेगा वह फिर से फूल बनकर ,
वह तो मासूम कली था उसे पत्थर क्यों बना दिया ।।।

               - " फुल "
   

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