Monday 2 September 2019

सुकून

मकसद तो दिल के सुकून का ही था ,
कोई मंदिर गया तो कोई मधुशाला ,
कोई बोलकर इजहारे इश्क कर गया ,
तो कोई चुप रहकर भी प्यार जता गया ,
किसी ने किया लफ्जों से बयां ,
और कोई आंखों से ही अपना बना गया ,
मिला किसी को अपना सबसे प्यारा दोस्त ,
तो कोई सब कुछ लुटा कर भी तनहा रह गया ,
क्या मिला किसी को यह मुकद्दर की बात है ,
सब कुछ पाकर भी कोई मायूस हो गया ,
और कोई थोड़ी सी खुशी में ही सारा जहां पा गया ,
मिलना बिछड़ना तो किस्मत की बात है ,
 ग़मे-जिंदगी में भी मुस्कुराना बहुत बड़ी बात है ,
हाथों की लकीरों में छुपा हुआ था वह चेहरा ,
आज सामने आया तो वक्त धोखा दे गया ,
फिर भी कोशिश हमारी हर बार होती है ,
उनकी यादों के लिए मिन्नते बार-बार होती है ,
यह तो अपने अपने सुकून की बात है दोस्तों ,
कोई नशे से प्यार करके गुजारा कर गया ,
तो कोई प्यार के नशे से ही दम भर जी गया ।।।

              - " फुल "
       

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