Saturday 17 August 2019

" कुछ चुने हुए ख्याल "

- आईना भी उसको सच दिखाता है जिसे सच की तमन्ना हो,
  देखने वाले तो आईने में भी वही देखते हैं जो वह देखना चाहते हैं ।

- तूने हमारी आंखों की जरा सी तारीफ़ क्या कर दी ,
  यह कलम खुद-ब-खुद चलने लगी ,
 अल्फ़ाज़ों ने अंगड़ाई ली ,
 और हमारी आंखों से फिर एक ग़ज़ल बयां हो गई ।

- कैसा यह इश्क का मर्ज है ,
  जाने क्यों दुनिया को इससे हर्ज है ,
  यूं तो हर कोई जमाने की रस्मो की गिरफ्त में है ,
  पर जिसे मिले सच्चा प्यार उस हर रूह पे इसका कर्ज है ।

- इस जिंदगी को तेरी अमानत समझ कर खुद को बड़ी हिफाजत से रखते हैं ,
  तू क्या जाने तेरी एक हंसी के लिए हम क्या-क्या मिन्नतें करते रहते हैं ,
  सिर्फ तेरी खुशी के लिए जमाने का हरदर्द सहते रहते हैं ,
  मुकम्मल कर दे मुझे तेरे लिए हर जन्म में बस दिन रात यही दुआ करते हैं ।

- जब से तेरी तलब लगी है तू ही जीने की वजह बना है ,
  अब और कुछ पाने की तमन्ना कहां जब से तू हमारी जिंदगी बना है ।

- जुबान से जरा तेज हूं पर दिल बिल्कुल साफ रखती हुं ,
  मेरे अल्फ़ाज़ों पे न जा नादान जमाने प्यार भी सबके लिए बेशुमार रखती हूं ।।।

                      - ' फुल '
       

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