Sunday, 11 August 2019

" मेरे जज़्बात "

 - हजारों ना सही ए खुदा चंद ख्वाहिश है तो पूरी कर ,
   मांगी है तुझसे एक दुआ कभी उस पर तो आमीन कर ।

 - कभी तो अपनी दुनिया से हमारी दुनिया में आया कर खुदा ,
   तुझे भी तो पता चले कैसे जीते हैं जब कोई अपना हो अपने से जुदा ।

 - लाखों की भीड़ में भी जब अकेलेपन का एहसास हो ,
   तब समझ लेना कि तुम्हें किसी खास की तलाश है ।

 - आज मेरे अल्फाजों का कोई मोल नहीं शायद ,
   कल जब मैं ना रहूं तो यह पढ़ लेना ,
   हर एक पन्ने में मेरे दिल के जज्बात ही मिलेंगे ।

 - हर वक्त मंजिल की तलाश ना कर ,
   कभी कभी यूं ही चुपचाप अपनी राहों पर चला कर ,
   हर मंजिल मुकम्मल नहीं होती सबके लिए ,
   बस राहो का हमसफर बन कर खामोश चला कर ।

 - जाने किस जन्म का नाता है तुझसे ,
   जो यह सर तेरे ही सजदे में झुक जाता है ,
   वरना रूह छोड़ो किसी की नजरों में इतना साहस नहीं ,
   जो हमारे दिल तक दस्तक दे सके ।

 - आजकल हम लबों से नहीं आंखों से बयां हो रहे हैं ,
   और लोग कहते हैं कि आप इतना कम क्यों बोलते हैं ?

            - " फुल "
   

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