- हजारों ना सही ए खुदा चंद ख्वाहिश है तो पूरी कर ,
मांगी है तुझसे एक दुआ कभी उस पर तो आमीन कर ।
- कभी तो अपनी दुनिया से हमारी दुनिया में आया कर खुदा ,
तुझे भी तो पता चले कैसे जीते हैं जब कोई अपना हो अपने से जुदा ।
- लाखों की भीड़ में भी जब अकेलेपन का एहसास हो ,
तब समझ लेना कि तुम्हें किसी खास की तलाश है ।
- आज मेरे अल्फाजों का कोई मोल नहीं शायद ,
कल जब मैं ना रहूं तो यह पढ़ लेना ,
हर एक पन्ने में मेरे दिल के जज्बात ही मिलेंगे ।
- हर वक्त मंजिल की तलाश ना कर ,
कभी कभी यूं ही चुपचाप अपनी राहों पर चला कर ,
हर मंजिल मुकम्मल नहीं होती सबके लिए ,
बस राहो का हमसफर बन कर खामोश चला कर ।
- जाने किस जन्म का नाता है तुझसे ,
जो यह सर तेरे ही सजदे में झुक जाता है ,
वरना रूह छोड़ो किसी की नजरों में इतना साहस नहीं ,
जो हमारे दिल तक दस्तक दे सके ।
- आजकल हम लबों से नहीं आंखों से बयां हो रहे हैं ,
और लोग कहते हैं कि आप इतना कम क्यों बोलते हैं ?
- " फुल "
मांगी है तुझसे एक दुआ कभी उस पर तो आमीन कर ।
- कभी तो अपनी दुनिया से हमारी दुनिया में आया कर खुदा ,
तुझे भी तो पता चले कैसे जीते हैं जब कोई अपना हो अपने से जुदा ।
- लाखों की भीड़ में भी जब अकेलेपन का एहसास हो ,
तब समझ लेना कि तुम्हें किसी खास की तलाश है ।
- आज मेरे अल्फाजों का कोई मोल नहीं शायद ,
कल जब मैं ना रहूं तो यह पढ़ लेना ,
हर एक पन्ने में मेरे दिल के जज्बात ही मिलेंगे ।
- हर वक्त मंजिल की तलाश ना कर ,
कभी कभी यूं ही चुपचाप अपनी राहों पर चला कर ,
हर मंजिल मुकम्मल नहीं होती सबके लिए ,
बस राहो का हमसफर बन कर खामोश चला कर ।
- जाने किस जन्म का नाता है तुझसे ,
जो यह सर तेरे ही सजदे में झुक जाता है ,
वरना रूह छोड़ो किसी की नजरों में इतना साहस नहीं ,
जो हमारे दिल तक दस्तक दे सके ।
- आजकल हम लबों से नहीं आंखों से बयां हो रहे हैं ,
और लोग कहते हैं कि आप इतना कम क्यों बोलते हैं ?
- " फुल "

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