Thursday 19 December 2019

तू सीख ले

छोड़ उदासी तू जरा जीना सीख ले,
 यह दुनिया एक समंदर है इसमें तैरना सीख ले ,
तूफान तो समंदर का हिस्सा है तो उससे लड़ना सीख ले,
 हारेगी तकलीफों से तो डूब जाएगी ,
खुद को जरा कश्ती का काबिल बना और तूफानों का रुख मोड़ना सीख ले,
 जो भी आया है हमारे हिस्से में उसे अपनी जिम्मेदारी समझ गया नसीब,
 पर सबको यहां खुश करना सीख ले,
 उम्मीदें रखती है यह दुनिया हमसे तो उसने कुछ गलत भी तो नहीं है ,
इसलिए अब सब की खातिर तुं मुस्कुराना सीख ले,
 मानती हूं आसान नहीं होती जिंदगी की राह ,
मांगने पर भी पूरी नहीं होती यहां हर एक चाह,
 फिर भी किसी की खुशी के लिए तुं कुर्बान होना सीख ले,
 जरूरी नहीं सबको यहां सब कुछ मिल जाए ,
 तुम जैसे हो दुनिया भी वैसी ही हो जाए,
 इसलिए तो कहती हूं कि अगर खुश रहना है ,
तो खुद को दुनिया के सांचे में ढालना सीख ले ।।।

                   - " फुल "
       

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